लोकतंत्र का संकट: जब संस्थाएँ जनता को नहीं, सत्ता को जवाब देती हैं संस्थाओं की गिरती विश्वसनीयता: लोकतंत्र का क्षय …
लोकतंत्र संकट में

लोकतंत्र का संकट: जब संस्थाएँ जनता को नहीं, सत्ता को जवाब देती हैं संस्थाओं की गिरती विश्वसनीयता: लोकतंत्र का क्षय …
अर्थव्यवस्था का संकट: उत्पादकता बनाम सट्टेबाजी (vicharvani.com संपादकीय संस्करण) भारत की अर्थव्यवस्था आज एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। एक …
जाति से मुक्ति का मार्ग: क्यों शूद्रों को बौद्ध धम्म अपनाना चाहिए “भले आप 75% हैं, परन्तु विभाजित हैं — …
जातिविहीन नौकरशाह एक मिथक आज भारतीय नौकरशाही को “इस्पात ढाँचा” कहकर सम्मानित किया जाता है — एक ऐसी संस्था जो …
जब ज़हर बनी दवा: भारत की फार्मेसी छवि पर गहरा धब्बा भारत लंबे समय से गर्व करता आया है कि …
पी.एम. केयर्स फंड की कानूनी स्थिति: जनसेवा या जवाबदेही से पलायन? 1. कानूनी स्थिति और सरकारी दावा दिल्ली उच्च न्यायालय …
लोकतंत्र पर स्मार्ट हमला: सत्ता के तीन औजार और मताधिकार हरण भारत में लोकतंत्र पर हमला अब मार्शल ड्रैस पहनकर …
राजस्थान मेडिकल काउंसिल घोटाला: डिग्री के बिना डॉक्टर और जानलेवा लापरवाही [विचारवाणी डेस्क] जब आप किसी डॉक्टर के चैम्बर में …
बुलडोजर राज और संवैधानिक लोकतंत्र संकट में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई का यह स्पष्ट चेतावनीभरा कथन …
2025: एक बदलती वैश्विक व्यवस्था और भारत की स्थिति वर्ष 2025 दुनिया के सामने एक ऐसा मोड़ लेकर आया है …